मोतियाबिंद

मोतियाबिंद क्या होता है?

मोतियाबिंद (Cataract) एक आंखों की सामान्य समस्या है, जिसमें आंख का लेंस धुंधला या अपारदर्शी हो जाता है। इससे दृष्टि कमजोर हो जाती है और अगर समय पर इलाज न किया जाए तो अंधापन भी हो सकता है।

मोतियाबिंद होने के मुख्य कारण:

  1. बढ़ती उम्र (Age-related Cataract) – 50 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में अधिकतर देखा जाता है।
  2. डायबिटीज (Diabetes) – शुगर लेवल ज्यादा होने से आंखों में प्रोटीन जमने लगता है।
  3. आंख की चोट (Eye Injury) – किसी प्रकार की चोट से लेंस में असामान्य बदलाव आ सकता है।
  4. धूम्रपान और शराब (Smoking & Alcohol) – इनसे आंखों की कोशिकाओं को नुकसान पहुंच सकता है।
  5. सूर्य की हानिकारक किरणें (UV Rays) – लगातार तेज धूप में रहने से लेंस को क्षति पहुंचती है।
  6. आनुवंशिकता (Genetics) – परिवार में किसी को मोतियाबिंद हो तो जोखिम बढ़ सकता है।
  7. लंबे समय तक स्टेरॉयड दवाओं का सेवन (Steroid Use) – स्टेरॉयडयुक्त दवाओं का अधिक सेवन करने से मोतियाबिंद की संभावना बढ़ सकती है।

मोतियाबिंद के लक्षण

शुरुआत में मोतियाबिंद के लक्षण हल्के होते हैं, लेकिन समय के साथ बढ़ जाते हैं।

  1. धुंधला दिखना (Blurry Vision) – चीजें साफ नहीं दिखतीं और धुंधलेपन की समस्या बढ़ने लगती है।
  2. रोशनी से परेशानी (Glare Sensitivity) – तेज रोशनी में देखने में कठिनाई होती है।
  3. रंगों की चमक कम हो जाती है (Faded Colors) – चीजें पीली या भूरे रंग की दिखाई देने लगती हैं।
  4. रात में देखने में परेशानी (Night Vision Issues) – खासतौर पर रात में गाड़ी चलाने में दिक्कत होती है।
  5. डबल विजन (Double Vision) – एक ही वस्तु के दो-दो प्रतिबिंब दिखाई देना।
  6. आंखों की रोशनी धीरे-धीरे कम होना (Gradual Vision Loss) – पढ़ने या पास की चीजें देखने में कठिनाई बढ़ जाती है।

मोतियाबिंद के प्रकार

मोतियाबिंद के कई प्रकार होते हैं, जो इसके कारण और स्थिति पर निर्भर करते हैं।

  1. इम्मेच्योर कैटरैक्ट (Immature Cataract) – लेंस का केवल एक हिस्सा धुंधला होता है।
  2. मैच्योर कैटरैक्ट (Mature Cataract) – पूरा लेंस अपारदर्शी हो जाता है, जिससे देखने में पूरी तरह असमर्थता हो सकती है।
  3. इंट्यूमेसेंट कैटरैक्ट (Intumescent Cataract) – लेंस सूज जाता है और तरल पदार्थ से भर जाता है।
  4. कॉम्प्लीकेटेड कैटरैक्ट (Complicated Cataract) – यह अन्य आंखों की बीमारियों (जैसे ग्लूकोमा) के कारण होता है।
  5. पोस्टीरियर सबकैप्सुलर कैटरैक्ट (Posterior Subcapsular Cataract) – लेंस के पिछले हिस्से में धुंधलापन आता है, जिससे रोशनी में देखने में दिक्कत होती है।
  6. न्यूक्लियर कैटरैक्ट (Nuclear Cataract) – लेंस का केंद्र (न्यूक्लियस) प्रभावित होता है, जिससे दृष्टि धीरे-धीरे धुंधली होती जाती है।
  7. सनफ्लॉवर कैटरैक्ट (Sunflower Cataract) – यह Wilson’s Disease में देखा जाता है और लेंस के अंदर सूरजमुखी जैसे पैटर्न बन जाते हैं।

मोतियाबिंद ऑपरेशन की कीमत (Cataract Surgery Cost in India)

भारत में मोतियाबिंद सर्जरी की कीमत कई कारकों पर निर्भर करती है, जैसे – अस्पताल, डॉक्टर की विशेषज्ञता, और इस्तेमाल किया गया लेंस।

मुख्य शहरों में ऑपरेशन की लागत:

शहरमोतियाबिंद ऑपरेशन की कीमत (₹)
दिल्ली₹25,000 – ₹1,20,000
मुंबई₹30,000 – ₹1,50,000
बेंगलुरु₹28,000 – ₹1,40,000
कोलकाता₹20,000 – ₹90,000
चेन्नई₹22,000 – ₹1,00,000
पुणे₹25,000 – ₹1,20,000

मोतियाबिंद के इलाज के तरीके

1. सर्जरी द्वारा इलाज

  • फेको सर्जरी (Phaco Surgery) – यह सबसे आधुनिक तकनीक है, जिसमें अल्ट्रासाउंड द्वारा लेंस को निकालकर नया लेंस लगाया जाता है।
  • लेजर कैटरैक्ट सर्जरी (Laser Cataract Surgery) – इसमें लेजर तकनीक का उपयोग किया जाता है, जिससे यह अधिक सुरक्षित और प्रभावी बन जाती है।

2. बिना ऑपरेशन के मोतियाबिंद का इलाज (Cataract Cure Without Surgery)

कई लोगों के मन में सवाल होता है – क्या मोतियाबिंद बिना ऑपरेशन ठीक हो सकता है?
सर्जरी ही मोतियाबिंद का सबसे प्रभावी इलाज है, लेकिन कुछ प्राकृतिक और आयुर्वेदिक उपाय शुरुआती अवस्था में मदद कर सकते हैं:

आयुर्वेदिक और घरेलू उपचार:

  1. त्रिफला जल से आंख धोना
  2. गाजर, पालक और आंवला का सेवन बढ़ाना
  3. आयुर्वेदिक दवा (Chandrodaya Vati, Saptamrit Lauh)
  4. होम्योपैथिक उपचार (Cineraria Maritima Eye Drops)

मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद देखभाल (Post Cataract Surgery Care)

ऑपरेशन के बाद आंखों की विशेष देखभाल करनी पड़ती है।

  1. आंखों को न रगड़ें
  2. धूल और तेज रोशनी से बचें
  3. डॉक्टर द्वारा दी गई दवाइयों और आई ड्रॉप्स का सही उपयोग करें
  4. भारी सामान उठाने से बचें
  5. खान-पान पर ध्यान दें – मसालेदार भोजन न खाएं और विटामिन A युक्त आहार लें।
  6. टीवी और मोबाइल का कम इस्तेमाल करें

निष्कर्ष

मोतियाबिंद एक गंभीर नेत्र रोग है, लेकिन सही समय पर इलाज करवाने से इसे पूरी तरह ठीक किया जा सकता है। यदि आपको धुंधला दिखना, रोशनी से दिक्कत, या रात में देखने में परेशानी हो रही है, तो तुरंत नेत्र विशेषज्ञ से सलाह लें

क्या आपने कभी मोतियाबिंद ऑपरेशन करवाया है? अपना अनुभव कमेंट में साझा करें!